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रेहड़ी मार्किट की शिफ्टिंग से 14 साल पुरानी जबरन बसूली टूटी;अकाली नेता वसूली जाते देख कर रहे थे प्रदर्शनः जोशी

रेहड़ी मार्किट की शिफ्टिंग से 14 साल पुरानी जबरन बसूली टूटी;अकाली नेता वसूली जाते देख कर रहे थे प्रदर्शनः जोशी

पटियाला 13 फऱवरी

रेहड़ी मार्किट की शिफ्टिंग के बाद अकाली दल के नेता और उनके कार्यकर्ताओं की सच्चाई खुलकर सामने आने लगी है। रेहड़ी संचालकों द्वारा बताई जा रही सच्चाई से साफ है कि रेहड़ी शिफ्टिंग से 14 साल पुरानी जबरन बसूली का 11 फरवरी को अंत हो गया। आगे की रेहड़ी से तीन हजार और पीछे की रेहड़ियों से दो हजार रुपये प्रतिमाह की बसूली से अकाली नेताओं की शह पर वसूली माफिया 10 से 12 लाख रुपये की कमाई कर अपने अकाओं को खुश कर रहा था। वसूली की कमाई हाथ से जाते देख अकाली नेता चरमरा गए और उन्होंने लोगों को आगे कर रेहड़ी शिफ्टिंग का विरोध करवाया। कांग्रेसी पार्षद एंव कांग्रेस के ब्लाक प्रधान अतुल जोशी ने ये जानकारी मीडिया के साथ सांझा की है।

वार्ड नंबर 40 के पार्षद संदीप मल्होत्रा ने जो लोग मंदिरों की जमीनों पर जाली दस्तावेज तैयार कर कब्जे करने के आदि हों और डेरों की जमीनों पर कब्जे करके दो-दो हजार गज की जमीनों पर घर बना चुके हों उन्हें शहर के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। यदि शहरवासियों से सच में लगाव है तो शहरवासियों के बीच आकर रहना शुरू करें उसके बाद ही शहर के विकास या बदलाव पर कोई टिप्पणी करने का अधिकार होगा। शहर के विकास को लेकर यदि किसी अकाली नेता के पास जानकारी का अभाव है तो वह शहर के बीचोबीच लोगों के बीच खुसी बहस का समय तह कर ले।

वार्ड नंबर 41 के पार्षद हरीश कपूर का कहना है कि जो लोग आज विकास और बदलाव का विरोध कर रहे हैं वह सरकार में रहकर शहर के लिए कुछ नहीं कर पाए। डेयरी शिफ्टिंग, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जैसे बड़े प्रोजेक्ट अकाली दल की सरकार के समय फाइलों में ही दम तोड़ चुके थे। लोगों को गुमराह करके राजनीतिक फायदा लेने वाले शहर में किसी एक प्रोजेक्ट को शुरू करने का सबूत दें, अन्यथा उन्हें शहर के विकास कार्यों या किसी तरह के बदलाव में दखलअंदाजी करने का कोई अधिकार नहीं है।

रेहड़ी मार्किट की शिफ्टिंग से 14 साल पुरानी जबरन बसूली टूटी;अकाली नेता वसूली जाते देख कर रहे थे प्रदर्शनः जोशी  

यूथ कांग्रेस के पटियाला शहरी के प्रधान अनुज खोसला ने कहा कि रेहड़ी शिफ्टिंग को नगर निगम की बड़ी प्राप्ति बताते हुए कहा कि बीते 30 सालों से शहर से बाहर रहने वाले अकाली नेता शहर की समस्याओं पर चर्चा भला कैसे कर सकते हैं। शहर में रहने वाले लोगों को अवैध सब्जीमंडी के कारण ट्रैफिक जाम, लावारिस पशुओं, दुर्गंध, गंदगी और सीवरेज जाम जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा था। जिस स्थान पर रेहड़ी मार्किट को शिफ्ट किया गया है, वहां निगम की ओर से हरेक तरह की मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। रेहड़ी संचालक नई रेहड़ी मार्किट में जाकर बेहद खुश हैं और वह हरेक माह तीन से पांच हजार रुपये की बचत होने की बात कह रहे हैं। यही नहीं मेयर संजीव शर्मा बिट्टू द्वारा छह महीने तक का किराया माफ करने की बात रेहड़ी संचालकों को कम से कम पांच हजार रुपये प्रति रेहड़ी फायदा पहुंचा रहा है।

वार्ड नंबर 38 के पार्षद निखिल बातिश शेरू का कहना है कि सोशल मीडिया पर राजनीति करने वाले किसी की भी गलती गिनाने तक सीमित हैं। यदि सच में अवैध सब्जीमंडी को शिफ्ट करना गलत है तो विरोध जताने वाले इलाका वासियों के बीच जाकर खुली बहस का समय तय करें, तभी उन्हें सच्चाई पता चल सकेगी। पार्षद ने कहा कि जो लोग आज विकास या बदलाव का विरोध कर रहे हैं, वह अपने समयकाल दौरान मिट्टी से शहर की सड़कों से गड्डे भरते रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक भेदभाव रखने वालों को मेयर संजीव शर्मा बिट्टू का विरोध करना उनकी अपनी कमजोरी को दर्शाता है। शेरू ने कहा कि बीते चुनाव दौरान अकाली दल के उम्मीदवार जरनल जेजे सिंह की जमान जप्त हुई थी, जो इस बात का प्रमाण है कि अकाली दल शहर के लिए कितना लोकप्रिय है।

 

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